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पातञ्जल योग सूत्राणि
योग शास्त्र ऋषी मुनींनी जगाला शिकविले.
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योग शास्त्रः
योग शास्त्र ऋषी मुनींनी जगाला शिकविले.
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अष्टांग योग
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योग यात्रा - दैवपुरुषाकाराध्याय
योग शास्त्र ऋषी मुनींनी जगाला शिकविले.
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परिणाम
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गुरु पुष्य योग
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योग परिणाम
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योग कुण्डलिनि उपनिषद्
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मानसिक योग
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घातक योग
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योग छंद
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योग कुंडलिनी उपनिषद
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योग
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जाँच परिणाम निकलना
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परिणाम करणे
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परीक्षण परिणाम निकलना
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विपरीत परिणाम
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भजन - परिणाम गोड व्हावा ॥धृ॥ ह...
भजन - A bhajan or kirtan is a Hindu devotional song , often of ancient origin. Great importance is attributed to the singing of bhajans with Bhakti , i.e. loving devotion. "Rasanam Lakshanam Bhajanam" means the act by which we feel more closer to our inner self or God, is a bhajan. Acts which are done for the God is called bhajan.
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अर्थालंकार - परिणाम
काव्यास ज्याच्या योगाने शोभा येते त्यास अलंकार असे म्हणतात.
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परिणाम अलंकार - लक्षण १
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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परिणाम अलंकार - लक्षण ३
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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परिणाम अलंकार - लक्षण ४
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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व्यास भाष्य - विभूतिपादः
प्रस्तुत ग्रंथात हठ योगासंबंधी विस्तृत माहिती देण्यात आलेली आहे.
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भोजवृत्तिः - समाधिपादः
प्रस्तुत ग्रंथात हठ योगासंबंधी विस्तृत माहिती देण्यात आलेली आहे.
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घातकी योग
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आन्तरिक योग
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आंतरिक योग
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योग कुंडलिनि
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योग कुंडलिनि उपनिषद
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योग कुंडलिनि उपनिषद्
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योग कुण्डलिनि
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योग कुण्डलिनिः
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योग कुण्डलिनि उपनिषद
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योग छन्द
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पुष्यामृत योग
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राज योग
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योग-नियम
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सुकृत-योग
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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भावगंगा - साधेल योग मज भजनाला
स्वाध्याय-प्रेमाने तुडुंब भरून वाहणारी ही भावगंगा आहे.
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संत चोखामेळा - योग याग तप व्रत आणि दान ।...
श्री संत नामदेवकाळातील श्री विठ्ठलाची अपरंपार उपासना करणारे संत चोखोबा एक अस्पृश्य होते.
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संत वंका - नकळे योग याग तपादि साधने ...
संत वंकाच्या अभंगातून विठ्ठलाची भक्ती करून मोक्ष साधण्याचा मार्ग सापडतो.
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संत जनाबाई - ऐसा योग घडे ज्यातें । धन्...
जनाबाई, दासीपणाची कामे करीत असताना तिच्या मनाने, अभंगांतून आध्यात्मिक प्रगती आणि पारमार्थिक उन्नती केली.
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अमृतसिद्धि योग
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भजन - चाहै तू योग करि भृकुटीमध्...
हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।
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द्वितीय परिच्छेद - अर्धोदय योग
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल , याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे .
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राजीव शास्त्री - ती पहाटेच उठते योग आणि प्...
एकविसाव्या शतकात मानवाच्या वाट्याला आलेले एकाकीपण कित्येक कवींनी त्यांच्या एकेका कवितेने भरून काढले.
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श्री गुरूचे पद - जे अक्रोध महानुभाव । योग ...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
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विविध योग
ज्योतिष हा विषय वेदांइतकाच प्राचीन आहे .
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संक्षिप्त विवरण - योग
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
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श्रीदत्त भजन गाथा - रमामाधव योग
श्रीयुत विनायक वासुदेव साठे यांनी रचलेली श्रीदत्त भजन गाथा.
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